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बस जुराब सुंघा देते हैं

संता - तुम दुसरो से क्यों कहते हो की- मैं मुर्ख हूँ.
बंता - माफ़ करना मुझे नही पता था की ये बात गुप्त रखनी हे.

फिजाओ में तुम हो,
हवाओ में तुम हो,
सच ही सुना था-
बुरी आत्मा का कोई ठिकाना नहीं होता..

भेजने वाला : पवन मल्ल



टिचर - बंटी तुमने ''मेरा कुत्ता '' इस विषय पर लिखा निबंध तुम्हारे भाई ने लिखे निबंध से पुरी तरहसे मेल खाता है. कही तुमने उसकी कॉपी तो नही की ?
बंटी - नही सर... लेकिन वह कुत्ता एक ही था.

भेजने वाला : रामगोपाल विश्वकर्मा भोपाल




हम भूल जाने वाले दोस्तों को बहुत बुरी सजा देते है
वाह वाह
हम भूल जाने वाले दोस्तों को बहुत बुरी सजा देते है
उसे जूते नहीं मारते बस जुराब सुंघा देते हैं

भेजने वाली : सारिका





एक सरदार खाली स्वीमिंग पूल में तैर रहा था दूसरा सरदार उसे देख कर बोला एसे सरदारों ने हमारा नाम बादाम किया हुआ है अगर मुझे तैरना आता तो में उसे साले को अन्दर जाकर मारता!

एक अँधा बहरे से कहता है आज मैने देखा की लंगडे की बीबी एक आदमी के साथ भाग रही थी इस बात को सुन कर बहरा कहता है तो लंगडा क्या कर रहा था अंधा कहता है की वो उन्हें पकड़ रहा था बहरा कहता है की वो उन्हें क्यों पकड़ रहा था इस बात को सुनकर अँधा कहता है वो तो पकड़म पकडाई खेल रहे थे!

भेजने वाला : कमल प्रकाश
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April 18, 2009 at 10:07 AM

thanx all the contributor of my blogs.

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